नया दिन आया है हर बात का जबाव देने के लिए .. हम कितनी बाते करते है सुनते है हर बात नई बात को जन्म देती है लेकिन सोचना ये है की दिन भर में कितनी बाते की है वो कितनी जरुरी थी कितनी नहीं सोचो अगर एक दिन के लिये सब कुछ शांत हो जाये हम कुछ न बोले …
नया दिन आया है हर बात का जबाव देने के लिए .. हम कितनी बाते करते है सुनते है हर बात नई बात को जन्म देती है लेकिन सोचना ये है की दिन भर में कितनी बाते की है वो कितनी जरुरी थी कितनी नहीं सोचो अगर एक दिन के लिये सब कुछ शांत हो जाये हम कुछ न बोले …
डॉक्टर भीकहते हैं कि आप सात दिन तक बिलकुल नहीं हंसे तो कमजोर हो जाएंगे। हंसना हमारे मनुष्य होने का सबूत है, क्योंकि अकेला मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो हंस सकता है। भरपूर हंसी चेहरे के स्नायुओं, श्वास के परदे और पेट को व्यायाम देते हैं। इससे दिल की धड़कन और रक्तचाप बढ़ता है, सांस तेज और गहरी होती …
रीजक(रोजी-रोटी)बिखेर दी संसार में उसने हवा में उछाल के उसको इकठ्ठा करने के लिए भटकता रहा सूखे पते की तरह मेरा जीवन ……….. आज देर रात घर लौटा हूँ बड़े दिनों बाद वो भी खाली जेब खाली हाथ जानता हूँ मैं की ……. कुछ कमाई ऐसी भी होती है जो सिर्फ मिलती है परखने के बाद या दुनिया में ना …
आप………? पहले मैं आपके लिए सिर्फ आप था फिर तुमने मुझे तुम कहा और इक दिन तुम से तू तक आ गए देखा पहले तो सिर्फ तुम जानते थे और आज पहचानने लगे हो…….. इसलिए कभी कभी सोचता हूँ रंग से रूप और फिर रूप से जिस्म से घर संसार धीरे धीरे महोब्बत भी चोंका चुल्ला हो जाती है वरना …
हम सब का दोस्त, Rajesh Hakku … सुनो …… अब मैं जब आऊँगा बस याद ही आऊँगा….. निराशा को आशा में बदलने वाला शक़्स, जिंदगी को जिंदा दिली की तरह जीने की सीख देने वाला शक़्स पल में ही आज के दिन हमसे दूर चला गया था डबवाली शहर की हर गली, मुहल्ले, बाजार व हर उम्र के व्यक्ति से …
मेरे अंदर मेरे जैसा कोई पलता है हर पल उस के साथ मेरा युद्ध चलता है झूठ की शतरंज पे मैं कोई चाल चलता हूँ वो मेरा हमसाया बन कर मुझको रोकता है टोकता है तोड़ता है जोड़ता है बार बार उसका ख़याल खलता है …. हैरान परेशान होकर मेने उसको आजाद कर दिया और सोच लिया छोड़ो यार….. ये …
ओशो जन्ममोहत्सव पर एक मित्र ने तस्वीर भेजी तो एक कविता का जन्म हुआ मैं इक चाबी का खिलौना क्या मेरा खोना पाना मेरा सारा जीवन बस इक हँसना रोना…… सुंदर छेलछबीला रंग रंगीला पथ है मेरा बस कलाबाज़ीया का इक रुतबा तेरा रूठना मेरा मनाना सुख दुःख का ही ढोना मैं इक चाबी का खिलौना…….. दो आँखे इक दिल …
गली गली नगर नगर इक बात चली बात कुछ भी नही बस बात उठी थी बात बनी थी उन दोनों की नही जिनके बारे में फैली थी बात ही कुछ ऐसी थी कुछ लोगो ने कहा नही वैसी थी कुछ ने पूछा बोलो न वो बात कैसी थी वो छुपाया नही छुपता मुख से तो कुछ भी बोला न था …
कोई तो है भीतर …. जो गाने लगता है मुस्कराने लगता है गुस्सा कर लेता है कोई तो है जिसकी पसन्द बदलती रहती है जो सोचता है और बहक जाता है कोई तो है दूर तक कल्पना के पंखों पे सवार होकर यात्रा करता है कोई तो है जो पद प्रतिष्ठा की लालसा पैदा कर देता मिटता नही बार बार …
चंडीगढ़ की रात… आज रात के भोजन के बाद सड़क किनारे टहलते हुए पास से गुजरती तेज गाड़िया की तेज लाइट चोंक पे लाल बत्ती तेज चलती सब की जिंदगी को शायद कम ही बर्दास्त होती है और हरी बत्ती सब को पसन्द फिर रफ़्तार और हॉर्न की पो पो फुटपाथ पे रुके हुए मेरे पैर लाल और रंग में …
गुरु नानक कॉलेज किल्लियांवाली के पूर्व छात्र संघ की वार्षिक आम बैठक 14 नवंबर …
किड्स किंगडम कान्वेंट स्कूल में 77 वें स्वतंत्रता दिवस का भव्य आयोजन किया गया। …
घर फूँक थियेटर फेस्टिवल में हुई “मौत क्यूं रात भर आती नहीं” नाटक …
A YouTube Channel by a Theater artist, Choreographer, Mentor, Motivational Spraker Sanjeev Shaad of M.Dabwali for providing an open platform to everyone who has something to say,to share,to explore with the Society. This channel is also a medium to highlight and sharp your God- gifted virtues with each other, following the mission to appreciate and highlight the hidden talent.