Home updates Mask ManJaspal Singh Dhandaal लॉक डाउन में अब तक दस हजार से अधिक लोगों को नि:शुल्क मॉस्क बांट चुके हैं मॉस्कमैन

Mask ManJaspal Singh Dhandaal लॉक डाउन में अब तक दस हजार से अधिक लोगों को नि:शुल्क मॉस्क बांट चुके हैं मॉस्कमैन

6 second read
0
0
6

लॉकडाउन : मॉस्क बनाकर लोगों तक नि:शुल्क पहुंचाए, मॉस्कमैन के नाम से मशहूर हुए टेलर मास्टर जसपाल


डबवाली। कोविड-19 ने लोगों को आपस में एक-दूसरे की सहायता करने के लिए प्रेरित ही नहीं किया बल्कि कुछ ऐसे व्यक्ति भी है जिन्होंने ऐसे मुश्किल समय में अपनी जान की परवाह न करते हुए मानव धर्म निभा रहे हैं। कोरोना काल में ऐसी शख्सियतों को सैल्यूट करने का दिल चाहता है, जो अपनी जुझारू प्रवृत्ति एवं उपलब्ध संसाधनों से फ्रंटलाईन वर्कर के तौर पर कार्य करते हुए सेवाभाव का एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। इनमें से एक हैं शहर के सामाजिक कार्यकर्ता जसपाल सिंह ढंडाल। जिन्हें लोग आज टेलर मास्टर नहीं बल्कि मॉस्कमैन के तौर पर ज्यादा जानते हैं। देश-प्रदेश से होते हुए जब कोरोना महामारी शहर डबवाली में पहुंची तो इन्हें सोशल मीडिया प्लेटफार्म व्हाट्सएप एवं प्रिंट मीडिया समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला कि कोरोना से बचाव का मात्र एक ही उपाय है और वह है मॉस्क। इसलिए इन्होंने सबसे पहले स्वयं व अपने परिवार के लिए मॉस्क तैयार किए। कोरोना महामारी के चलते मात्र 4-5 रुपये के मॉस्क की कालाबाजारी शुरु हो गई और इन्होंने आमजन की सहायता करने का बीड़ा अपने कंधों पर उठा लिया।

मार्च, 2020 में घर से शुरु हुआ मॉस्क बनाने और नि:शुल्क बांटने का निस्वार्थ कार्य निरंतर आज तक जारी है। बता दें कि शहर के मीना बाजार में जेएस टेलर्ज के नाम से टेलरिंग शॉप के संचालक 61 वर्षीय टेलर मास्टर मॉस्कमैन जसपाल सिंह ढंडाल अब तक 10 हजार से भी अधिक मॉस्क बनाकर नि:शुल्क बांट चुके हैं और लोगों ने पसंद भी खूब किया है। मॉस्कमैन ने बताया कि उन्होंने टेलरिंग का कार्य अपने पिताजी से बचपन में ही सीखना शुरु कर दिया था और सन् 1975 से सिलाई का काम कर रहे हैं। लेडीस और जेंट्स टेलरिंग में उन्हें महारत हासिल है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए मॉस्क हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के साथ-साथ चंडीगढ़ व दिल्ली भी भेजे गए हैं। कोरोना महामारी के दौरान डबवाली शहर का ऐसा कोई गली, मौहल्ला नहीं कि उन्होंने फ्रंटलाईन वॉरियर्स पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों, फायर ब्रिगेड कर्मियों, एसडीएम कार्यालय, तहसीलदार कार्यालय एवं डीएसपी कार्यालय सहित सामाजिक संस्थाओं प्रतिनिधियों के सहयोग से मॉस्क न पहुंचाए हों। उन्होंने बताया कि शहर की करीब दो दर्जन सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक संस्थाओं ने सम्मानित किया। राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी को ब्लॉक स्तरीय कार्यक्रम में उन्हें मॉस्कमैन के तौर पर सम्मानित किया गया।

पहले लोग उन्हें मॉस्क बनाने वाला जसपाल सिंह पुकारते थे, धीरे-धीरे जसपाल सिंह मास्कमैन के नाम से मशहूर हो गए। अब उनके पास कोई फोन करता है तो पूछते हैं कि क्या हम जसपाल सिंह मास्कमैन से बात कर रहे हैं, सुनकर अच्छा लगता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि कोरोना महामारी से बचाव करना है तो मॉस्क का इस्तेमाल करें, सामाजिक दूरी का ध्यान रखें।


सेवा भावना का भाव इन्होंने अपनी माता से विरासत में पाया है। पिता द्वारा कटिंग किए गए कपड़ों से बची हुई कटिंग से इनकी माता छोटे-छोटे बच्चों के लिए कुर्ता बना दिया करती थी और जरूरतमंदों में बांट देती थी। इन्होंने भी मॉस्क बनाने की शुरुआत सिलाई के दौरान बचे हुए कपड़ों को काटकर ही की थी। ऐसा नहीं है कि इस महामारी में जसपाल सिंह ढंडाल को समाजसेवा का जुनून सवार हुआ हो। वर्ष 1990 में इसकी शुरुआत रक्तदान से हुई थी और अब तक करीब 90 बार रक्तदान कर चुके हैं।

विशेष सहयोग ..पत्रकार krishan Gilhotra

Tothepointshaad ज़िन्दगी ज़िंदाबाद ।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

डॉ विक्रम मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किडनी डोनर सम्मान एवं किडनी स्वास्थ्य जागरूकता समारोह का आयोजन

–समारोह में 24 किडनी डोनर्स सम्मानित,  75 प्रतिशत महिलाओं ने अपने सगे संबंधियों को अ…