Home updates THE Real Story…वर्षो बाद मिली बिछड़े परिवार से माँ…. भावुक हुआ वातावरण

THE Real Story…वर्षो बाद मिली बिछड़े परिवार से माँ…. भावुक हुआ वातावरण

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2016 में श्रीगंगानगर राजस्थान से एक लावारिस विक्षिप्त हालात में एक महिला को भाई कन्हैया आश्रम सिरसा में भर्ती करवाया गया आश्रम में आने के पश्चात सेवा संभाल व इलाज शुरू हुआ आश्रम में सेवा दे रहे डॉक्टर अमित नारंग मनोचिकित्सक द्वारा इलाज की प्रक्रिया शुरू हुई कुछ समय बाद मंजू ने बताया कि मैं जम्मू कश्मीर श्रीनगर की हूं। ट्रस्ट के सेवादारों द्वारा मंजू से उसके घर का पता पूछने का पूरा प्रयास किया गया लेकिन कुछ समय तक यह अपना पूरा पता नहीं बता सकी लगभग 1 साल बाद इसने अपना श्रीनगर में इलाका बताया अपने बेटे का नाम आजीज बताया श्रीनगर पुलिस द्वारा इंटरनेट से संपर्क किया गया लेकिन वहां के हालात ठीक नहीं होने की वजह से पुलिस या मिलिट्री इसके घर का पता नहीं लगवा सकी। आश्रम में मंजू ठीक होने के पश्चात बहुत बार अपने बच्चों को याद कर कर रोती रहती थी। आश्रम के मुख्य सेवादार गुरविंदर सिंह जी का हर संभव प्रयास होता है कि जो अपने घर का कुछ ना कुछ पता बताता है उसका जल्द से जल्द घर पता लगे और वह अपने परिवार से मिल सके। लेकिन बहुत समय तक प्रयास करने के बाद 14 सितंबर 2020 को श्रीनगर पुलिस ने इसका घर ढूंढ कर इसके घर पर सूचना दी की मंजू भाई कन्हैया मानव सेवा ट्रस्ट( रजि) सिरसा , NGO. द्वारा संचालित भाई कन्हैया आश्रम में रह रही है जैसे ही इसकी सूचना इस के बेटे अजीज खान को मिली वह तुरंत टेलीफोन से अपनी मां से बात करी तथा 7 साल पहले अपने नजदीकी थाने में करवाई मिसिंग f.i.r. लेकर तुरंत थाने में पहुंचा तथा वहां से पुलिस द्वारा रिपोर्ट बनवा कर अपने सारे आईडी प्रूफ लेकर साथ अपने भाई व बच्चे को लेकर हवाई यात्रा द्वारा कल चंडीगढ़ में पहुंचा चंडीगढ़ से कल शाम को सिरसा भाई कन्हैया आश्रम में पहुंचा और जैसे ही अपनी मां को दूर से देखते ही मां और बेटे के इतने सालों बाद मिलने का वो पल मां बेटे ही समझ सकते हैं साथ एक दूसरे को गले लग कर बहुत रोए उसकी मां ने बताया कि जब हम सुनामी बाढ़ की वजह से श्रीनगर से बिछड़ गए थे तब उसका लड़का छोटा था ।एजाज ने कहा मेरे सारे रिश्तेदार वह दोस्त मेरी मां को मरा हुआ मान चुके थे लेकिन मुझे अल्लाह पर पूरा भरोसा था कि मेरी मां एक दिन मुझे जरूर मिलेगी एजाज खान ने कहा मां की खिदमत जन्नत का दरवाजा है और भाई कन्हैया आश्रम से मेरी मां मिली मैं ताउम्र भाई कन्हैया आश्रम का ऋणी रहूंगा। उसी समय मां ने अपने बेटे को बताया कि मैं हर रोज रोती थी कि मेरा घर पता नहीं कब मिलेगा और आज मेरा बेटा मुझे मिल गया और मुझे कुछ नहीं चाहिए।


इस मौके पर ट्रस्ट के मुख्य सेवादार गुरविंदर सिंह जी ने बताया कि आज आश्रम में लगभग 300 ऐसे भाई बहन रह रहे हैं तथा लगभग 290 ऐसे भाई बहनों व बच्चो को अपने परिवारों के साथ मिलवा चुके हैं।
इस मोके पर गुरशरण सिंह कालरा, राजेश बजाज,रिशिपाल जिंदल,बलराज सिंह बाजवा , हरदेव सिंह घंजल व अन्य सेवादार मोजूद थे।

One Comment

  1. ਸੁਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਸਿਰੜੀ

    September 17, 2020 at 11:01 am

    ਸੰਜੀਵ ਸ਼ਾਦ ਸਾਹਿਬ ਤੁਹਾਡੇ ਯਤਨ ਨੂੰ ਸਲਾਮ। ਭਾਈ ਕਨ੍ਹਈਆ ਆਸ਼ਰਮ ਸਮਾਜ ਵਿਚੋਂ ਦਰਕਿਨਾਰ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਾਸ਼ੀਆਗਤ ਲੋਕਾਂ ਲਈ ਇਕ ਮਸੀਹਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਸਾਹਮਣੇ ਆ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਸਰਦਾਰ ਗੁਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਸਾਰੀ ਟੀਮ ਵਧਾਈ ਦੀ ਪਾਤਰ ਹੈ ਜੀਉ।

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